उज्जैन। कोरोना महामारी में जहां लोग दान पुण्य कर गरीबों को दो वक्त की रोटी मुहैया करा रहे हैं, ऐसे माहौल में नगर में निर्माण कार्य की अनुमति मिलते ही निगम के भ्रष्ट अधिकारियों ने जनता की गाड़ी कमाई को ठिकाने लगाने के रास्ते निकालना शुरू कर दिया है।
वार्ड 47 में क्षेत्रीय पार्षद एवं संबंधित झोन अधिकारियों की मिलीभगत से नगर निगम को लाखों का चुना लगाया जा रहा है। वार्ड में पूर्व से स्वीकृत कार्य का कागजों में निर्माण कर 50 लाख का पूर्ण भुगतान पहले से ही करवा कर पुनः उसी कार्य को किसी अन्य स्थान के नाम से करवाने की साजिश की जा रही है। मामले की शिकायत शनिवार को निगमायुक्त को की गई तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
समाजसेवी धनराज गेहलोत के अनुसार शांतिनगर में लाखों की लागत से नाला निर्माण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है किंतु पूर्व में स्वीकृत नाला निर्माण का कार्य अलखधाम से होते हुए ओम साई ओम मल्टी एवं शांतिनगर तक किया जाना था जिसका अधूरा निर्माण हुआ और कुछ समय में ही वह नाला धस गया जिसकी शिकायत तत्कालीन आयुक्त को की जा चुकी थी। उसकी जांच भी प्रक्रियाधीन होने पर भी संबंधित झोन के झोनल अधिकारी डोंगरसिंह परिहार से मिल कर जांच प्रभाविक करने का कार्य क्षेत्रीय पार्षद विजयसिंह दरबार के द्वारा करवाया गया। जिसकी भी शिकायत तत्कालीन आयुक्त को की गई है जिसके फलस्वरूप आयुक्त द्वारा नाला निर्माण कार्य एवं अन्य निर्माण कार्य को रोकने के निर्देश दिये गये थे।
सूचना के अधिकार के माध्यम से उक्त कार्यों की जानकारी चाही गई थी किंतु संबंधित फाईल भी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं होना बताया गया एवं मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग द्वारा भी डोंगरसिंह परिहार को फाईल की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा गया, किंतु आज तक फाईल भी उपलब्ध नहीं करवाई गई। समाजसेवी धनराज गेहलोत ने निगम आयुक्त को शिकायत कर वार्ड 47 में हो रहे समस्त निर्माण कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की जांच करवाने का अनुरोध किया।