निर्भया को आखिर न्याय मिल गया। निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के दोषियों विनय कुमार शर्मा , पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे फांसी पर लटका दिया गया।
सात साल के लंबे इंतजार के बाद निर्भया को आखिरकार इंसाफ मिल गया है। मामले के चारों दोषियों को फांसी दे दी गई है। जेल अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है। इन्हें दिल्ली के तिहांड जेल में फांसी दी गई।
चार डेड बॉडी ले जाने के लिए दो एंबुलेंस बुला ली गई हैं। जेल के बाहर भीड़ बेकाबू है। जेल के बाहर लोगों में उत्साह और कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा था। इसीलिए लोग जेल के बाहर सारी रात जागकर फांसी का इंतजार कर रहे थे।
लोगों ने कानून जिंदाबाद न्यायपालिका जिंदाबाद और निर्भया दिवस आज के दिन मनाने का ऐलान किया है। क्योंकि आज निर्भया को इंसाफ मिला एक देश की बेटी को इंसाफ मिला इससे बड़ी बात आज के दिन और कोई हो नहीं सकती।
लोग बैनर पोस्टर लेकर अपनी-अपनी तरह से उत्साह मना रहे कि निर्भया को आखिरकार इंसाफ मिल गया। जेल के बाहर पैरा मिलिट्री फोर्स काफी मात्रा में तैनात थी। और दिल्ली पुलिस तैनाती जेल प्रशासन ने पूरी व्यवस्था के साथ लोग इकट्ठा होंगे तो कोई घटना घटित ना हो जाए इसलिए मिलिट्री और पुलिस सर्विस काफी बढ़ा दी थी।
फांसी देने की कड़ी में सुप्रींटेंडेंट और डिप्टी सुप्रींटेंडेंट दोनों ने निर्भया के चारों दोषियों से मुलाकात कर की थी। निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटका दिया गया।
काफी लंबा समय लिया गया लेकिन आखिरकार 7 साल 3 महीना और 3 दिन बाद निर्भया के दोषियों को फांसी के तख्ते पर लटकाना ही पड़ा।
इतना जगन अपराध करने के बावजूद भी यह चारों आरोपी अपने आप को बचाने की इतनी कोशिश की। इन चारों अपराधियों के वकील एसपी सिंह ने भी बहुत प्रयास किया इन चारों को बचाने की। लेकिन इंसाफ इंसाफ होता। आप गलत काम करके बच नहीं सकते यह नियम और कानून देर सही पर आपको बचने नहीं देंगे।
निर्भया के दोषियों को फांसी होने के बाद देश में ऐसे विचारधारा वाले लोगों पर जरूर असर पड़ेगा जो सोचते देश के कानून के साथ खिलवाड़ करते हैं। देश की मां बहन बेटियों को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं वो एक बार जरूर सोचेंगे।