विश्व स्तर की महामारी का रूप ले चुका है नोवल कोरोना वायरस

नोवल कोरोना वायरस स्वाइन फ्लू से भी खतरनाक वायरस  है, इसके रोकथाम के लिए वर्तमान में कोई भी टीका या औषधि उपलब्ध नहीं है। केवल सावधानी ही उपचार है यह वायरस अधिकतर जानवरों में पाया जाता है जिनके मांस का सेवन करने से मनुष्य में फैलता है। यह इतना घातक वायरस है की इससे पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु निश्चित है।


चीन से फैल रहे इस खतरनाक वायरस ने आज विश्व स्तर की महामारी का रूप ले लिया है, इसकी पहचान चीन के वुहान शहर में सी- फुुड मार्केट  व जानवरों के बाजार से हुई थी।


अकेले चाइना में ही अभी तक 400 से भी अधिक मौतें हो चुकी हैं यह खतरनाक वायरस अब तक विश्व के 20 से अधिक देशों में पांव पसार चुका है।


भारत मे भी इसने दस्तक दे दी है। केरल प्रान्त में चीन से आये तीन भारतीय नागरिको मे इसके लक्छण पाए गए है।जिन्हें 24 घंटे डाक्टर की निगरानी में उपचार दिया जा रहा है।


कोरोना वायरस से बचाव का सही उपाय सर्तकता ही है। बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से बचें, भण्डारे आदि मे न जाय,अपने हाथों को बराबर धोते रहे। सर्दी-खाँसी से ग्रसित मरीजों से दूरी बनाकर ही संवाद करें।


यह जानकारी कोरोना वायरस से बचाव के लिए मीडिया कार्यशाला में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी उज्जैन डॉ. अनुसूईया गवली सिह्ना ने मीडिया को दी।


उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन में हाल ही के दिनों में सात यात्री चाइना से आए हैं। इन यात्रियों पर स्वास्थ्य विभाग पूरी नजर रखे हुए हैं। न्यूनतम 14 दिनों तक इन पर नजर रखी जाएगी। अगर उन्हें सर्दी जुकाम, बुखार जैसे कोई भी लक्षण होते हैं तो तत्काल उन्हें आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाएगा।


डॉ. गवली सिन्हा ने कहा कि जिला स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त संसाधन है। आईसोलेशन वार्ड 20 बेड का कर दिया गया है। उनके अनुसार चीन से आने वाले ही नहीं बल्कि भारत के केरल से उज्जैन आने वालों पर भी सतत रूप से निगाह स्वास्थ्य विभाग रखेगा।इसके लिए हमारे कार्यकर्ताओं को हमने सतर्क कर दिया है। अगर कोई व्यक्ति किसी की जानकारी में आता है तो उसकी सूचना जिला स्वास्थ्य विभाग को दी जा सकती है।


मीडिया कार्यशाला में डॉ. अली ने जानकारी दी कि उज्जैन जिले में आए 7 ऐसे यात्रियों पर पिछले 1 सप्ताह से सर्तकता के चलते नजर रखी जा रहा है। इस वायरस से बचाव के लिए सावधानी जरूरी है। यह वायरस हवा में फैलता है।


इसके प्रारंभिक लक्षण खांसी, कफ, बुखार, गले में खरास सर दर्द, जैसे हैं। ऐसे मरीजों के संपर्क में आते समय आम व्यक्ति पूरी सावधानी बरतें। स्वास्थ्य विभाग सिर्फ ऐसे लोगों पर ही नजर नहीं रख रहा है उनके संपर्क में आने वाले आम लोगों पर भी नजर रख रहा है। अभी तक जिले से दो लोगों के सैंपल पुणे लैब भेजे गए थे। उनकी रिपोर्ट नेगेटिव रही है।


आईसोलेशन वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ. एच.पी. सोनानिया ने मीडिया कार्यशाला में बताया कि मध्यप्रदेश में सबसे पहले उज्जैन से ही पुणे लैब में सैम्पल जांच के लिए भेजा गया था। संबंधित संदिग्ध माँ-बेटे के खून और स्वाब के नमूने लेकर लैब को भेजे गए थे। उन्होंने कहा विश्व स्तर पर अब तक 'नोवल कोरोना वायरस की कोई दवाई नहीं है।इसकी हमारे पास भी दवाई उपलब्ध नहीं है।


डॉ. सोनानिया ने मीडिया के माध्यम से जिले भर के आमजन से आग्रह किया है कि केरल से आने वाले किसी भी व्यक्ति में बीमारी से संबंधित लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी जानकारी तत्काल जिला स्वास्थ्य विभाग को देकर सहयोग करें।


मीडिया कार्यशाला में पैथॉलॉजिस्ट डॉ. भीलवाल ने बताया संदिग्ध व्यक्ति जिसमें इस तरह के लक्षण दिखाई देते हैं तो उनके ब्लड सैम्पल, नाक, गला के नमूने सर्तकता के  साथ लिए जाते हैं। उन्हें विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मचारी ही लेते हैं। पुणे स्थित लैब ने नमूने लेने के लिए मध्यप्रदेश में भोपाल एम्स को अधिकृत किया है। उनके अनुसार हमारे द्वारा भेजे गए दो नमूनो को पुणे लैब ने तीन दिन में ही जांच रिपोर्ट भेज कर हमें अवगत करवा दिया था।