उज्जैन, संत शिरोमणि रविदास जी खैराल गढ़ गए थे। वहां उन्होंने अपने पैर के अंगूठे से गंगा को प्रकट किया था। इस स्थान का नाम चरण छू गंगा पड़ गया। जो आज भी विद्यमान है। उक्त कथन महाराज आनन्द जी द्वारा कहे गए।
आगर रोड स्थित सामाजिक न्याय परिसर में आयोजित संत शिरोमणि रविदास जी की कथा के छठवें दिन महाराज आनंद जी ने आगे बताया कि, सदाना कसाई जो कि मुल्तान शहर का रहने वाला था। वह जीव हत्या कर अपना जीवन पालन करता था। संतश्री ने इन्हें अपने सत्संग के माध्यम से ज्ञान अर्जित करवाया। जिससे प्रेरित होकर वह मुस्लिम होकर भी संतश्री का शिष्य बन गए व भक्ति आराधना करने लगे।
आज सत्संग प्रांगण में विश्व हिन्दू परिषद के जिलाध्यक्ष अशोक जैन एवं विनोद शर्मा, महेश तिवारी, मनीष रावल, दर्शन परमार (मठ मंदिर के प्रमुख), आशुतोष दुबे एवं अन्य समाजजनों ने भी संत शिरोमणि रविदासजी महाराज की तस्वीर माल्यार्पण कर कथा का रसपान किया।
सभी अतिथियों का समाज अध्यक्ष राधेश्याम राठौर एवं अशोक सूर्यवंशी जी ने स्वागत किया। आज की महाआरती अंधक ग्रुप की ओर से की गई। तत्पश्चात समिति के कर्मठ कार्यकर्ता संजय बैगाना जी का जन्मदिन मनाया गया। जिसमें उन्होंने कथा में हलवे का प्रसाद वितरण किया।
समिति के रामसिंग जी,जगदीशचंद्र बेगाना, रामचौहन,बाबुलाल जी वाघेला,ओमप्रकाश जी मोहने, हरीश भारती आदि ने स्वजातीय बंधुओं से निवेदन किया कि अधिक से अधिक संख्या में पधारकर संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की कथा का श्रवण कर मानव रूपी जीवन को धन्य बनाये।