अब तक 15 बार कर्ज ले चुकी, फिर कर्ज लेने जा रही कमलनाथ सरकार....

आर्थिक तंगी के दौर से जूझ रही एमपी में कमलनाथ सरकार एक बार फिर खुले बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है. एक वर्ष के अंदर कमलनाथ सरकार 16वीं बार कर्ज लेने जा रही है. यह कर्ज दस वर्ष के लिए लिया जा रहा है, जिसे इस अवधि में चुकाना होगा. इससे पहले सरकार ने 4 सितम्बर को दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था.


बताया जाता है कि एमपी में कमलनाथ सरकार पर कर्ज का बोझ बढता ही जा रहा है, जिसके चलते सरकार विकास कार्याे को पूरा करने में पिछड़ती ही जा रही है, कर्ज को लेकर सरकार का तर्क है कि प्रदेश में विकास कार्यो व जनहित के कार्यक्रमों को जारी रखने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है.


गौरतलब है कि शिवराज सरकार के समय से अब तक प्रदेश पर करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए का कर्ज है. एक साल होने को है लेकिन प्रदेश भर के किसानों का कर्ज अब तक आर्थिक तंगी की वजह से अटका हुआ है. वहीं मानसून ने भी सरकार को इस बार मजबूर कर दिया है. प्रदेश में बारिश से सड़कों और फसलों को भारी नुकसान हुआ है. राज्य सरकार का आरोप है कि उसे केंद्र सरकार से भी राहत राशि की सहायता नहीं मिल रही है. ऐसे में उसे अपने ही मद से इन सब चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है.


कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आने के बाद वित्तीय संकट से निपटने के लिए सबसे पहले फिजुलखर्ची पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. इसी सिलसिले में सरकार ने पेट्रोल-डीजल और शराब पर 5 फीसदी वैट भी बढ़ाया. लेकिन किसान कर्जमाफी, किसानों को गेहूं का बोनस और खराब सड़कों को सुधारना सरकार के लिए बजट के लिहाज से बड़ी चुनौती बने हुए हैं, यही वजह है कि सरकार को एक बार फिर बाजार से कर्ज लेना पड़ रहा है।