अब नहीं लगाने होंगे नजूल और नगर निगम के चक्कर।

कमलनाथ सरकार ने जमीन मामले में भ्रष्टाचार रोकने के लिए बरसों पुराना सिस्टम बदल दिया है. अब लोगों को एनओसी के लिए नजूल और नगर निगम के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. अब यह काम टीएंडसीपी खुद करेगा.


नये नियम के मुताबिक टीएंड सीपी संबंधित विभागों से एनओसी मांगेगा और अगर विभागों ने तीस दिन के अंदर एनओसी नहीं दी तो वह प्रस्ताव स्वत: अमान्य हो जायेगा. अभी तक टीएंडसीपी में फाईल इसलिए आगे नहीं बढ़ती थी क्योंकि संबंधित विभागों से एनओसी चाहिए होती थी. सबसे ज्यादा दिक्कत नजूल विभाग में होती थी क्योंकि वहां भ्रष्टाचार चरम पर है और पैसा देने के बाद भी काम नहीं हो पाता.


लेकिन अब टीएंडसीपी जिन विभागों को एनओसी के लिए लिखेगा तो समन्वय सीधे तौर पर होगा


यानी इसमें आवेदक की कोई भूमिका नहीं रहेगी और न ही निचला स्टाफ संबंधित से रिश्वत मांगेगा. इससे सिस्टम को गति मिलेगी. एनओसी लाने के बाद टीएंडसीपी में तारीख, हस्ताक्षर, भाषा आदि को लेकर आपत्ति ली जाती और सुधार के लिए फिर संबंधित विभाग में भेजा जाता था. इसमें और ज्यादा समय खराब होता, साथ ही दोनों विभागों को फिर रिश्वत देना पड़ती थी।